Yoga Aur Arogya (Sadhana Aur Siddhi) – योग और आरोग्य (साधना और सिद्धि)

175.00

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ISBN: 978-81-712-48346
Author: Dr K. D. Dvivedi
Language: हिंदी
Year of Publication: 2012
Binding Type: Paper Back Rs175/ Bound  Rs300
Bibliography: Pages 292+12
Size: Demy i.e. 22.5 x 14.5 Cm

विवरण हिन्दी में :

योग भारतवर्ष की प्राचीनतम रहस्य-विद्या है। भारत ने ही विश्व को योग-विद्या का ज्ञान दिया है। इसका आधार कठोर साधना और तपस्या है। इससे ही प्रतिभा और ऋत?भरा प्रज्ञा का विकास होता है। इस विद्या से ही अनन्त सिद्धियाँ और विभूतियाँ प्राप्त होती हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ में इस विद्या की आद्योपान्त विधि बताई गई है,इसमें स?पूर्ण योगविद्या का संक्षिप्त विवेचन है। यह ग्रन्थ 10 अध्यायों में विभक्त है। अध्याय 1 में योग के आठ अंगों का संक्षिप्त विवरण है। साथ ही ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्तियोग, ध्यानयोग और हठयोग की रूपरेखा दी गई है। अध्याय 2 में शरीर-संस्थान के वर्णन में मस्तिष्क, हृदय, श्वसन-संस्थान, स्नायु-संस्थान, पाचन-संस्थान, अन्त:स्रावी ग्रन्थियों एवं सात चक्रों का वर्णन है। अध्याय 3 में अतिलाभप्रद 25 आसनों एवं नेति-धौति आदि षट्कर्मों की पूरी विधि दी गई है। अध्याय 4 में प्राणायाम, उसके भेद, बन्ध और मुद्राओं का विस्तृत विवेचन है। अध्याय 5 में प्रत्याहार और धारणा की विविध विधियों का रोचक विवेचन है। अध्याय 6 में जैन, बौद्ध एवं श्री अरविन्द की ध्यानविधि का समन्वय करते हुए विविध ध्यान-पद्धतियों का विवेचन है। अध्याय 7 में मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार के कार्यों का वर्णन है। अध्याय 8 में कुण्डलिनी-जागरण और समाधि की विधियाँ दी गई हैं। अध्याय 9 में 155 दिव्य-ज्योतियों के दर्शन की विधि दी गई है। अध्याय 10 में 50 प्रमुख रोगों की चिकित्सा-विधि दी गई है। पद्मश्री डॉ० कपिलदेव द्विवेदी वेदों के मूर्धन्य विद्वान् होने के साथ ही उच्चकोटि के साधक थे। उन्होंने योग और आत्मसाक्षात्कार जैसे गूढ़ विषय को अति सरल और सुबोध भाषा में प्रस्तुत कर जनहित का महान् कार्य किया है।

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