Detail in English :
The book deals with the medical science in the Vedas. The book is divided into 12 chapters. They include aims and objects of Ayurveda, a kinds of treatment, duties of Vaidya, Anatomy Pathology. Treatment of diseases. It also dealt with:- different kinds of treatment such as Naturopathy, Thermo-therapy, Hydro-therapy, Colour-therapy, Hypnotic treatment, Yagyopathy. Toxicopathy, treatment of animals, medicinal herbs and plants, etc.
विवरण हिन्दी में :
वेदों में आयुर्वेद से संबद्ध सामग्री का भण्डार है । उस समस्त सामग्री का संकलन प्रस्तुत ग्रन्थ में हुआ है।
इस ग्रन्थ में आयुर्वेद से संबद्ध सारी सामग्री को १२ अध्यायों में बांटा गया है। सूत्रस्थान में आयुर्वेद के उद्देश्य, चिकित्सा के चार प्रकार, वैद्य कै कर्तव्य , दीर्घायु के साधन, नीरोगता, शक्तिमाप्ति आदि का वर्णन है । शरीरस्थान में अंग-प्रत्यंगों का वर्णन, इदय आदि के कार्यों का वर्णन है । निदानस्थान में रोगों की उत्पत्ति के कारणों का उल्लेख है । चिकित्सास्थान में सभी रोगों की चिकित्सा का विस्तृत वर्णन है । प्राकृतिक चिकित्सा में सूर्यकिरण-चिकित्सा, वायुचिकित्सा, अग्निचिकित्सा, जलचिकित्सा, मृत्-चिकित्सा, यज्ञचिकित्सा, मनोवैज्ञानिकचिकित्सा, मंत्रचिकित्सा, हस्तस्पर्श-चिकित्सा आदि का प्रयोगात्मक विस्तृत वर्णन है ।
प्राचीनकाल में विद्यमान शल्य-चिकित्सा, विष-चिकित्सा और पशुचिकित्सा का भी इसमें विस्तृत वर्णन है । अन्य के अन्त में वे मैं वर्णित २८६ औषधियों का भी विस्तृत वर्णन है । इसमें इन ओषधियों के वर्तमान नाम, गुण-धर्म तथा विभिन्न रोगों में इनकी उपयोगिता का वर्णन किया गया है।