Natyashastra Men Angika Abhinay – नाट्यशास्त्र में आंगिक अभिनय

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ISBN: 81-85246-33-5
Author: Dr. Bharatendu Dvivedi
Language: हिंदी
Year of Publication: 1990
Binding Type: Hard-Bound
Bibliography: Pages xvi+385
Size: Demy i.e. 22X14 CM

विवरण हिन्दी में :

नाट्यशास्त्र में आङ्गिक अभिनय लेखक- डॉ० भारतेन्दु द्विवेदी

आचार्य भरत ने अपने नाट्यशास्त्र में अभिनय तत्त्व का विशद विवेचन किया है। प्रस्तुत ग्रन्थ में अभिनय के चार अङ्ग- आंगिक, वाचिक, सात्त्विक और आहार्य में से अभिनय के प्रमुख अंग आङ्गिक का विशद, गहून और प्रामाणिक अनुशीलन किया गया है। इसमें शरीर के अंग, प्रत्यंग और उपांगों के संचालन से व्यक्त किए जाने वाले भावों का गम्भीर और विद्वत्तापूर्ण विवेचन भी किया है । इस ग्रन्थ में आचार्य भरत के साथ ही अन्य विद्वानों के मतों का विश्लेषण करते हुए कहीं-कहीं उनकी मान्यताओं का सतर्क खण्डन भी किया गया है । यह लेखक के मौलिक चिन्तन\’ का परिचायक है।

author-name

Dr. Bharatendu Dvivedi

bibliography

xvi+385Pages, Size Demy i.e. 22.5X14.5 CM

binding-type

Hard-Bound

language

Hindi

year-of-publication

1990

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