विवरण हिन्दी में :
उत्तर प्रदेश के समस्ïत विश्ïवविद्यालयों में शासन की समान पाठï्यक्रम की नीति के अन्ïतर्गत स्नातक स्तर पर लघुसिद्धान्ïत-कौमुदी से कारक और समास प्रकरण पाठï्यक्रम में रखे गए हैं। स्ïनातक कक्षाओं के छात्रों की आवश्ïयकता की पूॢत के लिए यह पुस्ïतक प्रस्ïतुत की जा रही है। आशा है इससे छात्रवृन्ïद लाभान्ïिवत होगा। प्रयत्ïन किया गया है कि विषय को अत्ïयन्ïत सरल और सुबोध बनाया जाए। प्रत्ïयेक सूत्र का हिन्दी अनुवाद दिया गया है। साथ ही उसकी विस्ïतृत व्ïयाख्या भी दी गई है। विषयों को स्ïपष्ïट करने के लिए यथास्थान आवश्ïयक निर्देश भी दिए गए हैं। भूमिका में व्ïयाकरण शास्ïत्र के उदï्भव और विकास की संक्षिप्ïत रूपरेखा दी गई है तथा व्ïयाकरण के प्रसिद्ध आचार्यों का जीवनवृत्त संक्षेप में दिया गया है। मनुष्ïय में भाषण-शक्ति ईश्ïवरीय देन है। इसके कारण ही मनुष्ïय संसार के अन्ïय जीवों में सर्वोत्तम है। भाषा मानवमात्र के भावों और विचारों के पारस्ïपरिक आदान-प्रदान का सर्वोत्तम साधन है।